पर्याप्त संपत्ति वाली सौतेली बहन सोफे पर लाउंज करती है, अपने कामुक दिवास्वप्नों में लिप्त होती है। उसके सौतेले भाई के हाथ उसके कामुक रूप का पता लगाते हैं, उसके उभारों में तेल की मालिश करते हैं। उनकी अंतरंग मुठभेड़ बढ़ती है, जिसका समापन मौखिक आनंद और कामुक प्रेम-प्रसंग के भावुक आदान-प्रदान में होता है।